अनगिनत सच काले रंगों में रंग दिए गए थे। होठ इतना ही कह पाए- रफ़ीक ऐसा नहीं था। अनगिनत सच काले रंगों में रंग दिए गए थे। होठ इतना ही कह पाए- रफ़ीक ऐसा नहीं था।
सभी कुछ अच्छा जा रहा था कि अचानक से हृदयाघात से रमाकांत जी चल बसे। सभी कुछ अच्छा जा रहा था कि अचानक से हृदयाघात से रमाकांत जी चल बसे।
प्रैक्टिकल हो जाइये भाईसाहब, इसी से संसार चल रहा है। संवेदनाओ के तार- तार होते दिखाई दे रहे है। प्रैक्टिकल हो जाइये भाईसाहब, इसी से संसार चल रहा है। संवेदनाओ के तार- तार होते द...
माँ को छोड़ते हुए, माँ को कस के गले लगा कर रो भी नहीं सकता क्यों? क्योंकि लड़के रोते नह माँ को छोड़ते हुए, माँ को कस के गले लगा कर रो भी नहीं सकता क्यों? क्योंकि लड़के ...
कभी भी किसी को नीचा ना दिखाओ। अगर संवेदनाविहीन हो तो लोगो की मदद करने का नाटक ना करो। कभी भी किसी को नीचा ना दिखाओ। अगर संवेदनाविहीन हो तो लोगो की मदद करने का नाटक ना...
हमें अपनी लापरवाही से सीखना है न कि नयी - नयी चीज़ों से कोरोना को चैलेंज देना है। हमें अपनी लापरवाही से सीखना है न कि नयी - नयी चीज़ों से कोरोना को चैलेंज देना है।